कम समय में होगा मोटा मुनाफा,किसानो को मालामाल बना देगी आंवले की खेती,जाने पूरी जानकारी

अब किसानो को माला मॉल बना देगी आंवले खेती यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। आंवले से अचार, मुरब्बा, ज्यूस, कैंडी आदि उत्पाद बनाए जाते हैं। आंवले में कई औषधीय तत्व पाए जाते हैं। आयुर्वेदिक दवाओं के रूप में भी आंवले का इस्तेमाल काफी किया जाता है। विभिन्न प्रकार के शैंपू, बालों में लगाने वाला तेल, डाई, दांतो का पाउडर, और मुंह पर लगाने वाली क्रीम आंवला से तैयार की जाती है। आंवले की अच्छी पैदावार लिए उन्नत किस्मों का चयन करना बेहद जरुरी है। आज हम आपको आंवले की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी देने वाले है

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आंवले की किस्म “नरेन्द्र-6” आंवले की नरेन्द्र-6 चकैइया किस्म से चयनित किस्म है जो मध्यम समय में पक कर तैयार हो जाती है। इस किस्म के पौधे अधिक चौड़े होते है, और पौधे की प्रत्येक शाखा पर मादा फूलों को पाया जाता है।

आंवले की किस्म “एन ए-4” आपको बता दे की एन ए-4 किस्म के पौधों पर मादा फूलों की संख्या अधिक मात्रा में होती है, इसके फल नवम्बर माह के मध्य में पकना शुरू हो जाते है। यह फल मध्यम आकार के होते हैं यह वजन 32 से 35 ग्राम होता है।

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आंवले की किस्म “कृष्णा” कृष्णा किस्म के पौधे कम समय में पैदावार देने लगते है, यह अधिक गूदेदार फल देता है। इसका एक पौधा लगभग 120 किलो की पैदावार देता है। यह जल्दी पकने वाली किस्म है, यह मध्य अक्तूबर से मध्य नवंबर तक पक जाती है। इसकी औसतन पैदावार 123 किलो प्रति वृक्ष होती है।

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आंवले की किस्म “नरेन्द्र-7” आंवला नरेंद्र- 7 किस्म बीजू पौधे से विकसित की गई है। इस फल का पकने का समय नवम्बर से मध्य दिसम्बर तक पक कर तैयार हो जाती है। पेड़ सीधे बढ़ते हैं, यह किस्म भी तीसरे वर्ष से फल देने लगती है। इनकी शाखाओं पर मादा फूलों की संख्या अधिक होने के कारण फलन बहुत अच्छा होता है।

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