Mp News:मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने की विश्व पर्यावरण सप्ताह की वर्चुअल समीक्षा,वृक्षारोपण से नहीं, पौधा रोपण से करें नदियों का हरित श्रृंगार विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से 16 जून तक 12 दिनों तक चलने वाले जल संवर्धन और संरक्षण सप्ताह की तैयारियों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि नदियों और पर्यावरण का हरित श्रृंगार वृक्षारोपण नहीं बल्कि पौधा रोपण से करें। मुख्यमंत्री प्रदेश के सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, जिलों के वन प्रमुख और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों के साथ जल संवर्धन और जल संरक्षण की दृष्टि से विश्व पर्यावरण दिवस से प्रारंभ होने वाली कार्यक्रमों की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में प्रदेश के धार्मिक मान्यता प्राप्त नदी तटों यथा क्षिप्रा, ओंकारेश्वर जी को भी इस अभियान का हिस्सा बनाएं।
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पर्यावरण को बचाना है तो जल स्त्रोत को बढ़ाना होगा।
समीक्षा बैठक के अनुक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अपर कलेक्टर विकास श्री अक्षत जैन ने जिले के अधिकारियों से कहा कि यह संयोगवश नहीं है कि विश्व पर्यावरण दिवस पानी के अभाव के बावजूद ग्रीष्म काल में ही क्यूं मनाया जाता है। इसलिए यह मानव को संदेश देता है कि पेयजल के मुख्य स्त्रोत बरसात का कारण भी पर्यावरण के होने से है। इसलिए पर्यावरण को बचाना है तो जल स्त्रोत को बढ़ाना होगा।
तालाब के तटों की साफ-सफाई के दिए आदेश
श्री जैन ने कहा कि मा.मुख्यमंत्री जी के मंशा और कलेक्टर सर की सोच के अनुरूप एक कार्य योजना का कैलेण्डर बनाकर इस कार्य का शुभारंभ करेंगे। जिले के बावड़ी, कुंए, तालाब, हैण्डपंप, झरने आदि को चिन्हित कर लें। इसमें तालाबों, बावडिय़ों की गाद निकालकर उनका गहरीकरण करें, तालाब के तटों की साफ-सफाई कर उसके चारों ओर पौधा रोपण कर हरी-हरी घास की चादर बिछाएं। जल स्त्रोतों के चारों ओर इतनी सफाई रखे कि उसमें गंदा कचरा फेकने वालों और शौच करने वालों को सोचने पर मजबूर कर दे कि वह गंदगी करने के बारे में सोचे ही नहीं।
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नाला नदियों कुंओं का किया जाये गहरीकरण
दियों और सरोवरों में मिलने वाले गंदे नालों के पानी का शोधन कर उसे स्वच्छ बनाने के बाद ही वह नाला नदियों में गिरे, कुंओं का गहरीकरण, कुएं की मुंडेर और तट की टूटे फूटे खंडहर हो चुके पत्थरों की मरम्मत करवाए। हैंडपंपों को दुरूस्त करें। प्रयास यह करें कि पेयजल के स्रोतों एवं पाइप लाइन से रिसाव को रोके। उसका पानी व्यर्थ नहीं जाने दें। पानी का बचाव पानी का एक बड़ा स्त्रोत है। व्यर्थ पानी नहीं बहाएं। प्रतिदिन एक कार्यक्रम के लिए योजना बनाकर एक दिन सुनिश्चित करें।
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