आपको पता ही होगा की अभी देश में रबी फसलों की कटाई का काम जोरों पर चल रहा है। ऐसे में किसान कुछ तकनीकें अपनाकर मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। किसानों को सलाह दी जा रही है। किसान रबी फसलों की कटाई के बाद शेष बचे अवशेषों को मिट्टी में दवा कर उसकी खाद बना सकते हैं।
आपको पता होगा की प्रशासन द्वारा पहले से ही गेहूं की नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो गेंहू फसल के ठूठ नरवाई को जलाने से खेत की उर्वरक क्षमता में कमी आती है। वहीं गेहूं की पराली को रोटावेटर की सहायता से खेत की मिट्टी में मिलाने से देशी खाद बनती है फसलों के उत्पादन में वृद्धि के साथ ही लागत में भी कमी आती है।
अब खेतो में ही बनेगा खाद,होगा अच्छी फसल
आपको हमारे द्वारा दी जा रही है सलाह
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर किसान भाई को नरवाई न जलाने की सलाह एवं समझाइश निरंतर दी जा रही है। मध्यप्रदेश के सीहोर उप संचालक कृषि ने बताया कि विभाग के अधिकारी अपने निरन्तर भ्रमण के दौरान किसानों को समझाइश दे रहे हैं
किसान अपने खेत की नरवाई जलाने के स्थान पर रोटावेटर चलाकर नरवाई खेत की मिट्टी में मिलाये। नरवाई मिट्टी में मिला देने से खाद का काम करती है। किसान खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए गेहूं के नरवाई को जलाने की बजाय उसे खेतों की मिट्टी में ही मिला दें जिससे खेत में फसलों को नुकसान भी नहीं होगा और फसल की पैदावार भी अच्छी होगी।
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